Tilouthu Bushra Anjum became the youngest writer: honoured with international award. Best Updates

Tilouthu: सबसे कम उम्र की लेखिका बनीं बुशरा अंजुम: अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित, Bushra Anjum became the youngest writer: honoured with international award.

तिलौथू, रोहतास।
“चेहरे पर नकाब लगाकर, चलती है वो हवा-सी,
जुबां पर खामोशी, आँखों में चिंगारी जैसी।
सपनों को छूने का जुनून लिए, हर कदम संभालती है,
वो लड़की नहीं, इरादों का एक कारवां-सी लगती है।”

यह पंक्तियां तिलौथू की बेटी बुशरा अंजुम पर पूरी तरह सटीक बैठती हैं। उनकी कहानी यह सिद्ध करती है कि प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती। अगर कोई ठान ले, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।

बुशरा अंजुम, जो विवाह के बाद कोलकाता में बस गईं, ने अपने जीवन में कई संघर्षों का सामना किया। अपने करियर को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने ससुराल की जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और लगन से निभाया। खासतौर पर अपनी सास की सेवा में उन्होंने जो मिसाल पेश की, उसने उन्हें न केवल परिवार, बल्कि समाज में भी पहचान दिलाई। इन्हीं अनुभवों पर आधारित उनकी पुस्तक “बहू से बेटी तक का सफर” न केवल एक साहित्यिक रचना है, बल्कि एक प्रेरणादायक कहानी भी है।

इस पुस्तक के प्रकाशन के साथ ही यह अमेज़न पर उपलब्ध हुई और इसे ग्लोरियस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा मान्यता प्राप्त हुई। साथ ही, उन्हें रवींद्रनाथ टैगोर ग्लोबल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह पुस्तक 2024 की अनुशंसित पुस्तकों में शामिल हुई है, जो बुशरा की साहित्यिक उपलब्धियों का प्रमाण है।

बुशरा इस सफलता का श्रेय अपने माता व पिता मोहम्मद शाहनवाज अहमद, अपने गुरुजनों और परिवार को देती हैं। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पत्रिका “द सेलेब्रिटी इंडिया” ने उनकी पुस्तक को दो पृष्ठों पर प्रमुखता से स्थान दिया है। इसके अलावा, उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सम्मानित करने के लिए आमंत्रण मिल रहे हैं।

हाल ही में, लर्निंग एंट संस्था और द सेलेब्रिटी इंडिया के सदस्यों ने एक भव्य कार्यक्रम में बुशरा को सम्मानित किया। उन्होंने कहा, “बुशरा की उपलब्धि हमारे लिए गर्व का विषय है। उन्होंने न केवल अपनी लेखनी से समाज को प्रेरित किया है, बल्कि अपनी जिम्मेदारियों के प्रति समर्पण का एक नया उदाहरण पेश किया है।”

तिलौथू की इस बेटी की कहानी न केवल संघर्ष और सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह हर उस महिला के लिए प्रेरणा है जो जीवन में अपने सपनों को साकार करना चाहती है। बुशरा अंजुम की उपलब्धियां आने वाले समय में और ऊंचाइयों को छुएंगी।

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